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77 वर्षों की आज़ादी के बाद भी सरकारें भारत के मूल निवासियों के हितों की रक्षा करने में बुरी तरह विफल साबित हुई: बेगमपुरा टाइगर फोर्स


होशियारपुर, 6 सितंबर, बेगमपुरा टाइगर फोर्स के राष्ट्रीय चेयरमैन तरसेम दीवाना तथा राष्ट्रीय प्रधान धर्मपाल साहनेवाल के दिशा निर्देश अनुसार फोर्स की एक मीटिंग फोर्स के मुख्य कार्याल्य मुहल्ला भगत नगर, होशियारपुर में फोर्स के जिला प्रधान हैप्पी फतेहगढ़ की प्रधानगी में हुई। मीटिंग में धाकड़ व जांबाज प्रदेश प्रधान वीरपाल ठरोली, दोआबा प्रधान नेकू अजनोहा, दोआबा इंचार्ज जस्सा सिंह नंदन तथा सीनियर उप-प्रधान सतीश शेरगढ़ विशेष तौर पर शामिल हुए। मीटिंग में बोलते हुए नेताओं ने कहा कि 77 वर्षों की आज़ादी के बाद भी भारत देश के मूल निवासियों, दलितों, पिछड़ों तथा धार्मिक अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा करने में सभी सरकारें बुरी तरह से विफल साबित हुई हैं, जब्कि सरकारें बनाने में मूल निवासियों का सबसे अधिक योगदान होता है। उन्होने कहा कि 1 अगस्त 2024 को जो माननीय सुप्रीम कोर्ट का फैसला एस.सी., एस.टी. वर्गों के आरक्षण के संबंध में करीमी लेयर को आरक्षण से वंचित करने तथा सभी एस.सी., एस.टी. जातियों आपको सब-क्लासीफिकेशन में बांट के 7 जजों में से 6 जजों ने फैसला सुनाया है। उन्होने कहा कि यह फैसला भारतीय संविधान की धारा 340 की उलंघणा करके सुनाया गया है। उन्होने कहा कि कोई भी अदालत कानून नहीं बना सकती सिर्फ देश की संसद ही कानून बना सकती है, अदालतों का काम कानून को लागू करना और करवाना है न कि नया कानून बना कर लोगों पर थोपना होता है। उन्होने कहा कि जो पार्टी संविधन की कापी हाथ में ले कर संविधान बचाने का नारा लगा कर गरीबों से वोट मांगती थी आज इस फैसले के संबंध में किसी भी पार्टी के नेता नें मुंह नहीं खोला और ना ही भारतीय जनता पार्टी ने संसद में इस फैसले को बदला। इस समय वो भी चुप्पी साध कर बैठी है । उन्होने कहा कि आज सभी राजनीतिक पार्टियां एस.सी, एस.टी. वोट बैंक के साथ पूरा मोह करती हैं परन्तु असलीयत में जब एस.सी समाज की हितों की बात आती है तो सभी मनुवादी पार्टियां एस.सी. समाज के खिलाफ हो जाती हैं। उन्होने यह भी कहा कि सभी पार्टियों के नेता सिर्फ और सिर्फ एस.सी., एस.टी. तथा ओ.बी.सी. समाज के वोटों तक ही सीमित होते हैं । अंत में उन्होने कहा कि बेगमपुरा टाइगर फोर्स में से निकाले हुए कुछ शरारती तत्व सरकार तथा लोगों को बेगमपुरा टाइगर फोर्स के नाम पर गुमराह कर रहे हैं जबकि बेगमपुरा टाइगर फोर्स एक रजिस्टर्ड संगठन है इस लिए फोर्स में से निकाले गए शरारती तत्वों से बचना चाहिए । उन्होने कहा कि इन लोगों का बेगमपुरा टाइगर फोर्स के साथ दूर-दूर का भी कोई रिश्ता नहीं है। इस अवसर पर औरों के अतिरिक्त राज कुमार बद्धन शेरगढ़, जस्सा सिंह नंदन, राहुल डाडा, मुनीष, मुल्ख राज, रोहित नारा , ढिल्लों आदि उपस्थित थे।


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