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जुलाई माह के लिए डिपूओं पर सरसों-तेल का पूरा कोटा जारी किया जाए -सोढ़ी।


कालांवाली : हरियाणा लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत जुलाई माह में आनलाईन पीडीएस पोर्टल पर सरसों-तेल की एलोकेशन (कोटा) उपभोक्ताओं की मांग से 15,35,830 लीटर कम दर्शाया गया है जोकि बहुत बड़ी कटौती है। यदि राज्य सरकार द्वारा जुलाई माह के सरसों-तेल की एलोकेशन (कोटा) संशोधित करके इसे बढ़ाया नहीं गया तो इस माह राशन डिपू पर सरसों-तेल के स्टाक की भारी कमी रहेगी। प्रदेशभर में जुलाई माह में 46,25,278 राशनकार्ड सक्रिय होंगे जिन की संख्या व मांग अनुसार 92,50,556 लीटर सरसों-तेल की आवश्यकता होगी परन्तु जून माह अन्त में प्रदेशभर के डिपूओं पर 15,30,953 लीटर सरसों-तेल बकाया शेष बचा है तथा जुलाई माह में सरसों-तेल की एलोकेशन (कोटा) 61,83,773 लीटर ही पीडीएस पोर्टल पर दर्शाई गई है इस प्रकार जुलाई माह में प्रदेशभर के कार्डधारकों के लिए डिपूओं पर 77,14,726 लीटर सरसों-तेल ही उपलब्ध होगा इस प्रकार यदि विभाग ने जुलाई माह की एलोकेशन (कोटा) संशोधित नहीं की तो प्रदेश में 7,67,915 कार्डधारक सरसों-तेल से बंचित रह जाएंगे। हरियाणा सरकार द्वारा बीपीएल परिवारों को हर माह प्रति राशनकार्ड (परिवार) 2 लीटर सरसों-तेल 20 रूपए की दर से वितरण किया जा रहा है।
यह जानकारी देते हुए आल राशन डिपो होल्डर वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा के मिडिया प्रभारी गुरतेज सिंह सोढ़ी ने बताया कि जून माह में भी प्रदेश के कई पीडीएस केन्द्रों के डिपूओं पर सरसों-तेल का स्टाक माह के अन्त में खत्म हो गया था जिसकी भरपाई विभाग ने पोर्टिबिलिटी सिस्टम से अन्य डिपूओं से उपभोक्ताओं को सरसों-तेल वितरण करवाकर कर दी परन्तु अब चालू जुलाई माह में यदि पोर्टल पर दर्शाई एलोकेशन (कोटे) में सरकार द्वारा संशोधित नहीं किया गया तो प्रदेशभर में ही सरसों-तेल की भारी-भरकम कमी रहेगी। जिससे डिपू होल्डरों को डिपूओं पर सरसों-तेल का वितरण जी-का-जंजाल बन जाएंगा तथा सरसों-तेल से बंचित कार्डधारक परेशान होगा व डिपू होल्डरों की झूठी शिकायतें दर्ज होंगी। अतः जनहित में आल राशन डिपो होल्डर वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा विभाग व सरकार से मांग करती है कि जुलाई माह के सरसों-तेल की एलोकेशन (कोटा) संशोधित करके राशनकार्डो की संख्या व उपभोक्ताओं की मांग अनुसार पुरी एलोकेशन (कोटा) जारी करके सरसों-तेल की आपूर्ति डिपूओं पर की जाए ताकि प्रदेश में कोई बीपीएल परिवार सरसों-तेल से बंचित ना रहे।


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