वाहनो की पासिंग मे बेनियमीया, बिना कर्मचारी और कर्ल्क के कैसे करते है 70 से उपर वाहनो का निरीक्षण मोटर वहीकल इंस्पैक्टर .
लुधियाना:-पंजाब सरकार द्वारा भ्रष्टाचार को मुक्त करने का लक्ष्य लेकर आई आम आदमी सरकार को कुछ अधिकारी डिजीटल तकनीक को ठेंग दिखा कर आज भी कुछ चुस्त अधिकारी आपनी आदतो को नही बदल रहे, वहीं सरकार द्वारा बिना को इंतजामत के वाहनो की गाड़ियो का सलाट बुक करने की जो विधी शुरु की है। वो भी बहुत मुश्किल है और बहुत सारे लोगो का सलाट ही बुक नही होता ओर जो सलाट बुक हांेता है उसके से यह भी यकीनन नही की आज उसकी गाड़ी पास होगी या नही ? सरकार ने यह प्रकिया शुरु करने से पहले उस जनता जनार्दन का ध्यान नही रखा गया उनके बैठने और पीने वाली पानी का कोई प्रबंध नही है और शौषचलय जाने का भी कोई प्रबंध नही है। लोगो पानी कीे बोतले मुल्य पर पी रहे और वहॉ धूप से बचने के लिए कोई प्रबंध नही किया गया। वहॉ हमारे पत्रकारो की टीम ने देखा की मोटर व्हीकल इंस्पैक्टर नियमो के तहत गाड़ियो को पास नही कर रहे थे, जब कि सलाट मे 70 कर्मशियल और अनगिनत नान कर्मशियन जिसमे 15 साल से उपर के वाहन जैसे कार, स्कूटर, थ्री व्हीलर आदि। बिना सरकार द्वारा दिए गए सरकारी कर्मचारी से एक अकेले एम.वी.आई से तकरीबन 90 वाहनो को कैसे निरीक्षण किया जा सकता है।से आप भलीभंात जानते हो। गाड़ी की असल मे 31 आईटमो को चैक करना अनिवार्य है। पर हमारे एम.वी.आई सिर पर टोपी और मुंह ढक कर सिर्फ और सिर्फ 2 चीेज़े चैक करके गाड़ी को फिट होने का प्रमाण दे रहे है। यदि कानून की बात करे तो बोर्ड आफ इंस्पैक्शन मे परिवहन अधिकारी का पास खड़े होना अनिवार्य है। पर ऐसा हमारे एम.वी.आई नही कर रहे, सरकार या विभाग की तरफ से कोई पक्के तौर पर उन्हे कोई कर्मचारी नही दिया गया जो उनका इस कार्य मे साथ दे सके। जब उनसे इस बात पर बात करनी चाही तो उन्होने थोड़ा गुस्से के मूड पर कहॉ कि अभी मै बात करता हूॅ।एम.वी.आई द्वारा 3 प्राईवेट व्यकितयो का सहारा लिया जा रहा है जो गाड़ीयो की फोटो सरकारी टैब से करते है और कागज़ पकड़ते है और एक सरदार व्यक्ति जो आपने आप को रोडवेज का कर्मचारी बताता है वो कारो और दो पहिया वाहनो की पासिंग को देखता है वो कैमरे के सामने माना कि वो नियमो के मुताबिक निरीक्षण नही करते और सरकारी ओर गैर सरकारी पर वो वो मौन धार और कोई जवाब नही दिया यदि मोटर व्हीकल इंस्पैक्टर को कोई कर्मचारी व कर्ल्क सरकारी तौर पर नही मिना क्या मोटर व्हीकल इंस्पैक्टर को आपनी जेब से 3 प्राईवेट व्यक्ति रखने की आज्ञा सरकार से ली है और इनका खर्चा कौन देता है सरकारी दस्तावेज इनको प्राईवेट व्यक्तियो को सौपे जा सकते है ? जब सब यह बाते हमने एम.वी.आई से जाननी चाही तो वो आग बबुला हो उठे और उन्होने आपने निजी सहायको की मदद से पत्रकारो को बंधक बनाने का आदेश तक दे डाला और इनसे कैमरे और मोबोईल छिनने की कोशिश की गई। प्राईवेट व्यक्तियो द्वारा पत्रकारो को पत्थर तक मारे गए और अपनी जान बचाने के लिए पत्रकार वहा से चले गए।जब इस संबध मे परिवहन अधिकारी से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई तो फोन काट दिया गया। पत्रकारो ने मुख्यमंत्री से अपील की गई है ऐसे कर्मचारीयो पर सख्त कार्रवाई की जाए जो पत्रकारो द्वारा सही आईना जनता और सरकार को दिखाने की कोशिश से रोकते है